शैतान अहं का नियंत्रण
तुम्हारा अहंकार जभी
दूसरे को छोटा बनाकर
या अस्वीकार कर
अपने को प्रतिष्ठित करना चाहता है
तभी उसे शैतान अहं समझकर
पहचान लो ; --
तुम अहं को इसप्रकार
नियोजित करो--
जिसमें उसे परिचालित कर
अपने पारिपार्श्विक के
जीवन, यश और वृद्धि को
आमंत्रित कर सको ! |42|
--: श्रीश्रीठाकुर अनुकूलचन्द्र, चलार साथी
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