रिपुदमन
काम, क्रोधादि रिपुओं को
दमन करने के प्रयास में
बेचैन मत होओ,--
वही बेचैनी का भाव
उनकी प्रतिष्ठा ही करता है ;
बल्कि उद्दीप्त रिपु को
ऐसे किसी भी चित्ताकर्षक
विषय या भाव में लगाकर
उसे निरस्त करो
जिससे उसका प्रश्न ही
तुम्हारे मस्तिष्क में कम उठे ;--
देखोगे, रिपु को आयत करना कितना सहज है ! |38|
--: श्रीश्रीठाकुर अनुकूलचन्द्र, चलार साथी
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