गुरुवार, मार्च 17

Daridrata Ka Bandhu

दरिद्रता का बंधु

आलस्य, अविश्वास, आत्मम्भरिता 
और अकृतज्ञता की तरह 
बंधु या मित्र रहने से 
दरिद्रता को और खोजना नहीं पड़ेगा;-- 
यहाँ तक कि इनमें से कोई एक भी 
दरिद्रता का ऐसा बंधु हैं-- 
इनमें से किसी को छोड़कर 
जो नहीं रह सकता, 
ऐसा धन यदि तुम्हारे अन्तर में 
बसोबास करता है, 
दुःख के अभाव की बलाई को 
और सहन नहीं करना पड़ेगा !   |32|

--: श्री श्री ठाकुर अनुकूलचन्द्र, चलार साथी

कोई टिप्पणी नहीं: