CHALAAR SATHI
मंगलवार, मार्च 22
Sevaheen Shushrooshaa
सेवाहीन शुश्रूषा
सेवा का अर्थ वही है--
जो मनुष्य को
सुस्थ, स्वस्थ, उन्नत और आनन्दित कर दे ;
और, जहाँ ऐसा नहीं,
बल्कि शुश्रूषा है,
वह सेवा अपलाप को ही
आवाहन करती है ! |40|
--: श्रीश्रीठाकुर अनुकूलचन्द्र,
चलार साथी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें