CHALAAR SATHI
गुरुवार, नवंबर 17
Prem--Vipreet Sanghaat Mein
प्रेम- विपरीत संघात में
भाव, भक्ति, प्रेम
यदि उसके विपरीत संघात में
उद्दाम नहीं हुआ, --
तो वह पहले कभी था या नहीं
संदेहयोग्य बात है ! |52|
--: श्रीश्रीठाकुर अनुकूलचन्द्र,
चलार साथी
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