CHALAAR SATHI
सोमवार, सितंबर 27
Siddhilaabh
सिद्धिलाभ
करना, लगे रहना, देखना
और
अनुधावन करना--
ये कतिपय ही
बोध, विज्ञान, दक्षता
और सिद्धि की
प्रतिष्ठा करते हैं ! |15|
--: श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र,
चलार साथी
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