सोमवार, सितंबर 27

Charitra-Nirnay

चरित्र-निर्णय
तुम्हारा चलन और वचन ही 
कह देता है-- 
तुम कैसे मनुष्य हो, क्या चाहते हो-- 
और क्या पा सकते हो !  |14|
--: श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र, चलार साथी

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