CHALAAR SATHI
सोमवार, सितंबर 27
Kapatataa
कपटता
कपटता पारिपर्श्विक को
भ्रांत कर
अपनी उन्नति के द्वार को
बंद कर देती है ! |13|
--: श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र,
चलार साथी
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