CHALAAR SATHI
मंगलवार, अक्टूबर 5
Karmpatutaa Mein Anupraanata
कर्म पटुता अनुप्राणता
अनुप्राणता जहाँ जितनी सहज --
और तरोताजा है
कर्मपटुता वहाँ
उतना स्वाभाविक
और उद्दाम है ! |27|
--: श्रीश्रीठाकुर अनुकूलचंद्र,
चलार साथी
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