शुक्रवार, सितंबर 26

प्रकृति का धिक्कार

प्रकृति उन्हें ही धिक्कारती है
जो प्रत्यक्ष की अवज्ञा
या अस्वीकार कर
परोक्ष का आलिंगन करते हैं ; --
और, परोक्ष जिसके प्रत्यक्ष को
रंजित और लांछित करता है--
वही धोखे का अधिकारी होता है ! 4
-- : श्री श्री ठाकुर, चलार साथी

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