CHALAAR SATHI
मंगलवार, सितंबर 23
मेरी बातें
मेरी बातें यदि तुम्हारे लिये--
कथनी व चिंता का सिर्फ़ खुराक भर रहे--
करनी एवं आचरण में
उन सबों को यदि--
वास्तव में प्रस्फुटित न कर सके--
तो--
तुम्हारी प्राप्ति
तमसाच्छन्न रह जायेगी--
वह किंतु अति निश्चय है--
तुम्हारा "मैं"
श्रीश्री ठाकुर,
चलारसाथी
1 टिप्पणी:
Unknown
ने कहा…
Wah-Wah
19 मार्च 2010 को 7:09 am बजे
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Wah-Wah
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