CHALAAR SATHI
बुधवार, अक्टूबर 1
शुभदर्शी और मन्ददर्शी
शुभदर्शी ही देख पाता है
आपदा, विपदा, व्याघात और दुःख में
उन्नति और आनंद का
एक सुनहला मौका !--
किंतु मन्ददर्शी
सारी अच्छाइओं में
अबाध देखेगा अपारगता, असम्भवता--
एक दूरदृष्ट का दूरपनेय दूर्भोग ! 9
--: श्री श्री ठाकुर
,
चलार साथी
1 टिप्पणी:
Pushpa Bajaj
ने कहा…
Jai Guru Apka Prayash kitna prernadayi hai.
Dhanyavad.
16 अगस्त 2009 को 11:32 pm बजे
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1 टिप्पणी:
Jai Guru Apka Prayash kitna prernadayi hai.
Dhanyavad.
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